Collection of Indian Gazals.More than 250 Gazals by Indian Poets.हिंदुस्तानी भाषा, लबो-लहजे और परिवे...
Collection of Indian Gazals.More than 250 Gazals by Indian Poets.हिंदुस्तानी भाषा, लबो-लहजे और परिवेश में समकालीन ग़ज़लकारों द्वारा कही जा रही ग़ज़लों का एक एप-संकलनमुख्य विशेषताएं :120 से अधिक ग़ज़लकारों की 250 ग़ज़लों का समावेशऑफलाइन सपोर्ट: बिना इन्टरनेट के भी ग़ज़लों का लुत्फ़ लेंरोज नई ग़ज़लों का समावेशबहुत हल्का और सुरक्षित एपकिसी प्रकार के लोगइन की आवश्यकता नहीं शेयर करने की सुविधाएप से ली गई एक ग़ज़ल: एक क़िस्सा क्या अधूरा रह गयाज़ीस्त का नक्शा अधूरा रह गयावक़्त ने हर बार समझाया मगरज़ात का झगड़ा अधूरा रह गयाफिर सहन ये एक हो पाया नहींमाई का सपना अधूरा रह गयापीठ से ख़ंजर ने कर ली दोस्तीऔर फिर बदला अधूरा रह गयाज़ख्म जो था भर चुका कब का मगरये किरच-सा क्या अधूरा रह गयातुम मिरे होकर रहे अनमोल औरभीड़ का गुस्सा अधूरा रह गयाअधिक जानकारी के लिए आप संपादक के.पी.अनमोल जी से संपर्क कर सकतें हैं|"अपने एक मित्र के लेखन के प्रति समर्पण को देखकर मेरा मन किया कि क्यों न उसे कोई तोहफा दिया जाये ...और मुझे विचार आया कि एक लेखक को सबसे ज्यादा ख़ुशी उस तोहफ़े से होगी जो उसके लेखन में सहायक हो सके...इसलिए यह एप बनाया है, फ़िलहाल मेरे मित्र के.पी.अनमोल के लिए ....साथ ही उन सभी ग़ज़लकारों के लिए जो मन से लिखते हैं....मन की बात .....:)आपकी रचनाएँ भी इस एप पर प्रकाशित की जा सकेंगी ....आप इस सम्बन्ध में [email protected] पर मेल कर सकते हैं|"- इमरान खांन, शिक्षक और एप डेवलपर,अलवर (राजस्थान)